About Mehant
यह परिवार हरियाणा राज्य के पलवल जिला से है|श्री तेज सिंह के के दो पुत्र हुए-रामचन्द्र और चन्द्र्पाल| श्री रामचन्द्र जी और किरण देवी के तीन पुत्र हुए-मेहन्द्र, भुपेन्द्र और नीरज सिंह राणा|
3 साल की उम्र मे हनुमान जी के दर्शन:-
एक दिन वे अपने पिता के साथ घूमने गए जहाँ उन्होने छ्त्रपुर मन्दिर मे अपने परिवार से बिछ्ने के कारण घूमते हुए एक हनुमान जी की प्रतिमा के आगे बैठ गए| वहाँ एक घट्ना घटी| उन्होने सहप्रथम हनुमान जी के दर्शन किए| हनुमान जी लड्डू दिखा-दिखाकर बच्चे को आकर्षित कर रहे थे| इसी कारण बच्चा लड्डू की चाह मे वही बैठा रहा और इस सारी लीला को ब्रहामण देख रह था| पिता ने वहाँ आकर पुत्र को देखा तो वह उसे लेकर वहाँ से चल दिए तभी ब्रहमण ने उन्हे रोका, रोकने पर लड्के के पिता रामचन्द्र ने ब्रहामण से कहाँ यह मेरा पुत्र है भीड़ के कारण ये हमसे बिच्छ गाया था| ब्रहामण बोला आने वाले समय मे यह बच्चा कुछ कर दिखेगा| तभी लड्के के पिता ने कहाँ-यह बच्चा मुझे जीवन भर ऐसे ही परेशन करेगा और मेरे खून पिएगा और कुछ नही करेगा|
इन्होने आपनी शिक्षा का आरम्भ नहरु विधा निकेतन स्कूल मे किया| इनकी पढ़ाई मे विशेष रुची नही थी इनका मन शुरु से शरारतो मे लगता था| लेकिन माता-पिता के समझाने पर